Amitabh Bachchan : बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता और बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के फैंस के लिए एक बड़ी बुरी सामने आए है, दरअसल बिग बी के अस्पताल में भर्ती होने की खबर आई है, अमिताभ को 15 मार्च 2024 यानी आज मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी एंजियोप्लास्टी की गई है।
अस्पताल के सूत्रों की खबर के मुताबिक वह पहले से ठीक हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं। Amitabh bachchan के फैंस को ज्यादा घबराने या चिंता करने की बात नहीं है क्योंकि ताजा खबर यह है कि अमिताभ को एंजियोप्लास्टी के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
क्या होता है एंजियोप्लास्टी और कब कराई जाती है इसकी सर्जरी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें एंजियोप्लास्टी ज्यादातर तब कराई जाती है जब किसी के हृदय की आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल या खून के जमने से ब्लॉकेज होने लगता है, हृदय की आर्टरी में ब्लॉकेज होने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है और शरीर के हर हिस्से में सही मात्रा में खुल नहीं पहुंच पाता जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है और अचानक हार्ट अटैक भी आ सकता है, इसकी रोकथाम और अवरुद्ध धमनियों को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी की जाती है।
अधिक जानकारी के बताना चाहेंगे की एंजियोप्लास्टी का उम्र से कोई संबंध नहीं है, किस भी व्यक्ति के किसी भी उम्र में एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ सकती है, एंजियोग्राफी और अन्य दूसरे टीटो से पता चलता है आर्टरीज में ब्लॉकेज का अगर ब्लॉकेज काम है तो डॉक्टर उन्हें अपने खान पान और रोज कसरत करके काम करने की सलाह देते है वही अगर आर्टरीज में ब्लॉकेज 70 प्रतिशत से अधिक है तो डॉक्टर मरीज को तुरंत ही एंजियोप्लास्टी करने की सलाह देते हैं।
कैसे होती है एंजियोप्लास्टी सर्जरी।
एंजियोप्लास्टी में सबसे पहले ब्लड वैसल्स में एक बैलून घुसाया जाता है और उससे आर्टरीज को चौड़ा किया जाता है. यह बैलून एक पतली कैथेडर की नली पर लगा दिया जाता है और उसे फूलाकर आर्टरीज के रास्ते को साफ किया जाता है. इससे आर्टरीज में ब्लड फ्लो करने के लिए अधिक रास्ता मिल जाता है. लेकिन यह ज्यादा समय तक फ्लैट नहीं रह पाता है इसलिए अब इसमें स्टेंट लगाया जाता है. स्टेंट बहुत ही बारीक मेटल की मेस क्वॉल होती है जो चौड़ा किए गए रास्ते में फिट कर दिया जाता है ताकि ब्लड वैसल्स फिर से सिकुड़ न जाए. जब स्टेंट लग जाता है तब इसके ऊपर टिशू का एक लेयर बन जाता है और 3 से 12 महीने में यह एकदम सामान्य हो जाता है. इसके बाद निर्बाध रूप से ब्लड का फ्लो होता रहता है. स्टेंट में दवा लिपि होती है जो किसी भी तरह की अनहोनी से रोकती है।
निवेदन :
आप सब से मेरा अनुरोध है की अपने खानपान का ध्यान रखे नित्य एक्सरसाइज करें ताकि आपकी सेहत अच्छी रहे और आपको भविष्य में कभी एंजियोप्लास्टी या किसी अन्य सर्जरी की जरूरत न पड़े। आशा करता हु आप मेरी कही बात पर जरूर विचार करेंगे।
Amitabh Bachchan पहले भी हो चुके अस्पताल में भर्ती।
महानायक Amitabh Bachchan पहले भी कई बार अपनी सेहत को लेके अस्पताल में भर्ती हो चुके है और कई बार तो काफी सीरियस भी हो गए थे जिसे उनकी जान भी खतरे में आ गए थी, आगे कुछ ऐसी घटना के बारे में बात करने वाले है।
कुली के सेट पर घूंसा लगने से हुआ था बड़ा ऑपरेशन : यह बात 26 जुलाई 1982 की है जब फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन घायल हो गए थे। यह हादसा तब हुआ था, जब एक एक्शन सीन के दौरान पुनीत इस्सर ने उन्हें जोरदार मुक्का मार था। पुनीत इस्सर का मुक्का जैसे ही उनके पेट पर पड़ा अमिताभ बच्चन जमीन पर गिर पड़े। कुछ वक्त बाद वे उठे और उन्हें कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ और बोले कि उन्हें बहुत तेज दर्द हो रहा है जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया।
काफी समय तक और काफी सारे टेस्ट करने के बाद भी डॉक्टरों को बीमारी पकड़ ही नहीं आ रही थी बार-बार टेस्ट कराने के बाद भी क्लियर डायग्नोसिस नहीं हो पा रहा था। अमिताभ की हालत बिगड़ती चली जा रही थी। तभी कुछ एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने एक्स-रे रिपोर्ट में इन्टेस्टीनल पफोर्रेशन डिटेक्ट करके बताया कि अमिताभ के पेट में लगी चोट में अब मवाद बनने लगा है। इसके बाद अमिताभ की इमरजेंसी सर्जरी की गई थी, जिससे उनकी सेहत में सुधार आया था।
हेपेटाइटिस बी से भी संक्रमित हो चुके हैं Amitabh Bachchan : बात वर्ष 2000 की है जब Amitabh Bachchan को पता चला कि उन्हें हेपेटाइटिस बी है। कहा जाता है की ये बीमारी एक लापरवाही का नतीजा था, जब कुली के सेट पर हुए हादसे के बाद बिग बी को खून की जरूरत पड़ी थी, Amitabh Bachchan के चाहने वालों ने ब्लड डोनेट करने की भीड़ लग गई। 200 डोनर के जरिए उन्हें 60 बोतल खून चढ़ाया गया था। जल्दबाजी में बिग बी को हेपेटाइटिस बी से संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ा दिया गया, जिससे वे खुद भी संक्रमित हो गए थे। यह बात खुद अमिताभ बच्चन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से हेपेटाइटिस बी के कैंपेन का ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने पर बताई थी।
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